imagink
reflections, ramblings, rhapsodies
September 11, 2009
बारिश
मल्हार में मेघा
धीमे आंसुओं की
बरसात में गरजना
धड़कते दिल का
मिलन में बहार
धुंधले सपनो का
करीबी
में
फासला
जालिम जुदाई
का
इश्क की चांदनी में
तरसती हूँ
तुम्हारी इक बूँद के लिए
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